अयोध्या में भगवान श्रीराम की विश्व की सबसे ऊंची प्रतिमा बनाने के लिए 28.284 हेक्टेयर भूमि अधिग्रहीत की जाएगी। अयोध्या के डीएम अनुज झा ने जमीन चिह्नित कर प्रस्ताव पर्यटन विभाग को भेजा है।
अयोध्या में सरयू नदी के पास भगवान राम की करीब 221 मीटर ऊंची प्रतिमा बनाई जानी है। प्रतिमा के पास प्रदर्शनी दीर्घा और दर्शनार्थियों के लिए सुविधाएं विकसित की जानी हैं। इसके लिए 28.284 हेक्टेयर जमीन अधिगृहीत करने का प्रस्ताव है।
सर्किल रेट के हिसाब से जमीन की कीमत 38 करोड़ 6 लाख 11 हजार 212 रुपये आंकी गई है। लेकिन नियमानुसार ग्रामीण क्षेत्र की भूमि का मुआवजा सर्किल रेट से चार गुना और शहरी क्षेत्र की भूमि का मुआवजा सर्किल रेट से दोगुना देने की व्यवस्था है।
पर्यटन विभाग के अधिकारियों का अनुमान है कि जमीन अधिग्रहण में करीब 80 करोड़ रुपये से अधिक व्यय होंगे। लोकसभा चुनाव के बाद सरकार के समक्ष प्रस्ताव प्रस्तुत अधिग्रहण की कार्यवाही आगे बढ़ाई जाएगी। उल्लेखनीय है कि सरकार ने पहले ही साफ कर दिया कि खातेदार की सहमति से ही उसकी भूमि का अधिग्रहण होगा।भगवान श्रीराम की मूर्ति 151 मीटर ऊंची होगी। 50 मीटर ऊंचे पैडस्टल और 20 मीटर ऊंचे छत्र के बाद मूर्ति की कुल ऊंचाई 221 मीटर हो जाएगी। 50 मीटर ऊंचे पैडस्टल के अंदर ही अत्याधुनिक म्यूजियम भी बनाया जाएगा। इसमें अयोध्या का इतिहास, इक्ष्वाकु वंश का इतिहास दर्शाया जाएगा। इसमें राजा मनु से लेकर श्रीराम के बारे में लोगों को जानकारी मिलेगी।
अयोध्या में भगवान श्रीराम की मूर्ति के लिए अधिगृहीत होगी 28 हेक्टेयर भूमि