हर तरह के खेलों में आश्चर्य, झटके और नामुमकिन के मुमकिन होने जैसी चीजें होती हैं। क्रिकेट भी ऐसा ही खेल है जहां हार और जीत सेकंडों में तय होती है। यही वजह है कि क्रिकेट को अनिश्चितताओं का खेल भी कहा जाता है। इसी अनिश्चितता के खेल में एक अप्रत्याशित मोड़ रविवार को हैदराबाद में चेन्नई और मुंबई के बीच आईपीएल फाइनल में देखने को मिला।
चेन्नई जीत के लिए 150 रन का लक्ष्य प्राप्त करने के लिए मजबूती से आगे बढ़ रही थी और उसे 12 गेंदों में 18 रन की दरकार थी और उसके पास छह विकेट थे। शेन वॉटसन दूसरे क्वालियफायर मैच की तरह ही फॉर्म में थे और यह समझा जा रहा था कि इस सीजन में मुंबई से तीन हार का बदला चेन्नई ले ही लेगी।
19वें ओवर की आखिरी गेंद पर विकेटकीपर क्विंटन डीकॉक ने हाथ में आई आसान डॉट बॉल को छोड़ दिया और वह सीधा बाऊंड्री के पार गई। इसने चेन्नई को और ताकत दी और उसे सिर्फ छह गेंदों में नौ रन बनाने थे और और शेन वॉटसन अभी भी क्रीज पर थे, लेकिन इसके बाद जो छह गेंदें डाली गईं, उसकी कल्पना ही की जा सकती है।
20वें ओवर की आखिरी गेंद पर जब चेन्नई को जीत के लिए दो रन की जरूरत थी तब लसिथ मलिंगा ने शार्दुल ठाकुर को एलबीडब्ल्यू आउट किया। IPL में सबसे अधिक विकेट लेने वाले लसिथ मलिंगा ने अब तक 100 से अधिक मैच खेले हैं। हालांकि, प्रतिभा या अनुभव के बावजूद भी आखिरी ओवर का दबाव किसी भी गेंदबाज पर बहुत होता है।